Ganesh Mantra (गणेश मंत्र)

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ऊँ नमो विघ्नराजाय सर्वसौख्यप्रदायिने । दुष्टारिष्टविनाशाय पराय परमात्मने ॥

भावार्थ :

सम्पूर्ण सौख्य प्रदान करनेवाले सच्चिदानन्दस्वरूप विघ्नराज गणेशको नमस्कार है । जो दुष्ट अरिष्ट ग्रहोंका नाश करनेवाले परात्परा परमात्मा हैं, उन गणपति को नमस्कार है ।

सिद्धिबुद्धि पते नाथ सिद्धिबुद्धिप्रदायिने । मायिन मायिकेभ्यश्च मोहदाय नमो नमः ॥

भावार्थ :

नाथ ! आप सिद्धि और बुद्धि के पति हैं तथा सिद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाले हैं । माया के अधिपति तथा मायावियों को मोह मे डालने वाले हैं । आपको बारम्बार नमस्कार है ।

लम्बोदराय वै तुभ्यं सर्वोदरगताय च । अमायिने च मायाया आधाराय नमो नमः ॥

भावार्थ :

आप लंबोदर हैं, जठरानल रूप मे सबके उदर मे निवास करते हैं, आप पर किसी की माया नही चलती और आप ही माया के आधार हैं । आपको बार-बार नमस्कार है ।

त्रिलोकेश गुणातीत गुणक्षोम नमो नमः त्रैलोक्यपालन विभो विश्वव्यापिन् नमो नमः ॥

भावार्थ :

हे त्रैलोक्य के स्वामी ! हे गुणातीत ! हे गुणक्षोभक ! आपको बार-बार नमस्कार है । हे त्रिभुवनपालक ! हे विश्वव्यापिन् विभो ! आपको बार-बार नमस्कार है ।

मायातीताय भक्तानां कामपूराय ते नमः । सोमसूर्याग्निनेत्राय नमो विश्वम्भराय ते ॥

भावार्थ :

मायातीत और भक्तों की कामना-पूर्ति करनेवाले आपको नमस्कार है । चन्द्र, सूर्य और अग्नि जिनके नेत्र हैं और जो विश्व का भरण करनेवाले हैं, उन आपको नमस्कार है ।

जय विघ्नकृतामाद्या भक्तनिर्विघ्नकारक । अविघ्न विघ्नशमन महाविध्नैकविघ्नकृत् ॥

भावार्थ :

हे विघ्नकर्ताओं के कारण ! हे भक्तों के निर्विघ्न-कारक, विघ्नहीन, विघ्नविनाशन, महाविघ्नों के मुख्य विघ्न करनेवाले ! आपकी जय हो ।

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